How to Start Investing in Share Market: हेलो दोस्तों अगर आप भी शेयर बाजार (Share Market) या स्टॉक मार्केट (Stock market) से पैसे कमाने की सोच रहे हैं लेकिन आप शेयर बाजार के बारे में बिल्कुल बिगनर हैं यानी शेयर बाजार के बारे में ज़ीरो जानकारी है यानी आपको कुछ भी नहीं आता शेयर बाजार (Share Market) या स्टॉक मार्केट (Stock market) के बारे में तो यह पोस्ट बस आपके लिए है इस पोस्ट में मैंने बताया कि स्टॉक मार्केट और शेयर बाजार से आप कैसे पैसे कमा सकते हैं (Stock market se paise kaise kamaye) साथ-साथ कितने तरीके हैं स्टॉक मार्केट से या शेयर बाजार से पैसे कमाने के, आज शेयर बाजार (Share Market) या स्टॉक मार्केट (Stock market) से लोग कमा रहे हैं और आप भी कैसे कमा सकते हैं शुरुआत करते इस पोस्ट को लेकिन-
Disclaimer - दोस्तों शेयर मार्केट काफी रिस्की चीज है इन्वेस्टमेंट ट्रेडिंग सभी रिस्की चीजे है और इसमें आपको लॉस हो सकता है इसलिए अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से एडवाइस लेकर ही काम करें।
विषय-सूची
How to Start Investing in Share Market | Trading Guide | शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए
शेयर मार्केट का सबसे पहला कदम होता है कि आपको शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए एक डीमैट अकाउंट (Demat account) खुलवाना होता है जो कि आप किसी भी ब्रोकर या फिर डिस्काउंट ब्रोकर से कर सकते हैं पहले क्या था केवाईसी कराने के लिए डॉक्यूमेंट वर्क बहुत होते थे लेकिन अब सब कुछ मोबाइल पे हो जाता है और सिर्फ पांच मिनट में हो जाता है दोस्तों बहुत सारा डिस्काउंट ब्रोकर्स हैं आप जिससे चाहे उससे आप अपना अकाउंट खोल के आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इस पोस्ट में मैं आपको नीचे कुछ लिंक दे रहा हूं बहुत सारे जो ट्रस्टेड डिस्काउंट ब्रोकर्स हैं उसे आप क्लिक करके आप ज्वाइन कर सकते हैं हमारे दिए हुए लिंक से ज्वाइन करे और ट्रेडिंग की जर्नी की शुरुआत कर सकते हैं आइए शुरुआत करते हैं कि कैसे आप पैसे कमा सकते हैं स्टॉक मार्केट से (Stock market se paise kaise kamaye)- तो सबसे पहला चीज होता है इन्वेस्टमेंट।
1. इन्वेस्टमेंट क्या होता है
किसी भी कंपनी का स्टॉक आप बाय (Buy) कर लीजिए जो कि आपको बेहतरीन वैल्यूएशन (Valuation) में मिल रहे हैं अच्छे दाम पे मिल रहे हैं और उसका ग्रोथ फ्यूचर बहुत बढ़िया हो, उस कंपनी के फंडामेंटल बहुत अच्छा है आप देख रहे हो उसका फ्यूचर बहुत अच्छा है तो Definitely आप उसमें चाहेंगे कि हम उसके शेयर को होल्ड करें बाय (Buy) करके तो आप बाय कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट में में जितना मर्जीना आपके पास पैसा है आप बाय कर लीजिए आप अपने डीमेट अकाउंट में उसे होल्ड कीजिए और जब उसका प्राइस बढ़ जाएगा फ्यूचर में तब आप उसे बेच सकते हैं चाहे वो आप दो दिन बाद चार दिन बाद एक साल बाद 10 साल बाद जितने लंबे अवधि तक आप करेंगे उतना ज्यादा आपके लिए बेहतर होता है और आप इन्वेस्ट करके अच्छा खासा पैसा (Paise) कमा सकते हैं
2. डिविडेंड क्या होता है
दूसरा तरीका होता है डिविडेंड, डिविडेंड से अर्न करना। जब आप अगर इन्वेस्ट किए अगर आप एक इन्वेस्टर है स्टॉक बाय किए किसी अच्छी कंपनी का तो अच्छी कंपनी जनरली क्या होती है अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपार्ट फ्रॉम स्टॉक का हाई वैल्यू हुआ लो वैल्यू हुआ उसका उसको छोड़ के यानी बढ़ रहा है घट रहा है उसको छोड़ के वो अपने प्रॉफिट से कुछ हिस्सा हर शेयर होल्डर को देती है डिपेंडिंग अपऑन कि वो कितने स्टॉक होल्ड किए हुए हैं ये चीज कई कंपनी साल में एक बार करती हैं कई में साल में दो बार कई तीन बार चार बार भी लोग डिविडेंड देती है कंपनी को इससे इन्वेस्टर काफी खुश होते हैं इवन उनका स्टॉक बढ़ रहा हुआ घट रहा उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कंपनी अगर प्रॉफिटेबल में है प्रॉफिट बना रही है तो उनको एडिशनल बोनस के रूप में डिविडेंड दिया जाएगा बढ़िया उपाय होता है स्टॉक मार्केट में पैसे कमाने के लिए।
3. आईपीओ (IPO)
तीसरा चीज है आईपीओ (IPO), IPO का फुल फॉर्म “Initial public offering” (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) होता है. जब भी कोई कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट होती है तो वो अपना आईपीओ (IPO) लाती है और लोगों को मौका दिया जाता है यानी आम पब्लिक को मौका दिया जाता है कि कम से कम शेयर प्राइस (Price) में, जो सबसे कम उसका शेयर प्राइस है उसमें लगा के वो उसका आईपीओ खरीद ले और जब वो कंपनी लिस्ट हो जाए और उसके लिस्ट होने के अगर बाद उसको लगता है कि कंपनी अच्छा परफॉर्म (perform) करेगी तो उसके प्राइसेस बहुत जल्दी यानी हफ्ते, दो हफ्ते या 10 दिन या महीने, दो महीने या तीन महीने में उसकी प्राइसिंग (Pricing) जब आप खरीदे थे आईपीओ उससे काफी ज्यादा बढ़ जाती है तो उस केस में बहुत जल्दी अच्छा खासा पैसा लोग कमा लेते हैं हालांकि इसमें रिस्क (Risk) भी रहता है कई कंपनी को देखा है कि आईपीओ खरीदने के बाद जो प्राइसिंग उसकी थी उससे काफी नीचे आ जाती है तो उसमें लॉस (Loss) भी होता है। लेकिन ज्यादातर कंपनी का आईपीओ अच्छा होता है अगर आपने अच्छा रिसर्च किया है बढ़िया आईपीओ है तो वो बहुत शॉर्ट टर्म (Short Term) में अच्छा खासा पैसा कमा के दे देती है आपको इसलिए लोग आजकल आईपीओ में इन्वेस्ट कर रहे हैं।
4. इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading), ट्रेडिंग में ये आता है इंट्राडे यानी शेयर को एक दिन के लिए आप या बाय (Buy) कीजिए या सेल (Sell) कीजिए एक दिन के अंदर ही जो करना है आपको। यह बहुत प्रचलित है यानी मार्केट खुलता है 9:15 AM में और बंद होता है 3:30 में शाम में तो इस बीच में आपको यह ट्रेड लेना होता है आपको जो अच्छा लग रहा है कि आज स्टॉक बढ़ जाएगा तो आप उसे खरीद (Buy) लीजिए और अंत में जब आपका प्रॉफिट (Profit) बन रहा है या फिर कभी भी बन रहा है इस दौरान यानी पूरे दिन के दौरान आप बुक कर सकते हैं प्रॉफिट इसे बेच करके तो यह इंट्राडे डिटिंग है।
इंट्राडे क्यों ज्यादा पॉपुलर है यह आपको बता दूं इंट्राडे पॉपुलर इसलिए है क्योंकि इसमें आपके पास मान लीजिए सिर्फ और सिर्फ 1000 रूपये हैं तो लिवरेज मिल देती है, जो ब्रोकर होता है, आपका लेवरेज देता है / मार्जिन देता है कि आपके पास 1000 रूपये है तो आप दिन भर के लिए अगर खेल रहे हैं इंट्राडे के लिए तो मैं आपको चार गुना, पांच गुना डिपेंडिंग अपॉन आपका पोर्टफोलियो हो गया, आपको एक्स्ट्रा पैसे देते, लिवरेज देती है, मार्जिन देती हैं कि आपके पास ₹1000 है लेकिन आप 5000 रूपये तक के आप स्टॉक खरीद सकते हैं और उसे उसी दिन बेच भी सकते हैं। तीसरा बेनिफिट होता है इंट्राडे का शॉर्ट सेलिंग यानी आप गिरते हुए बाजार में गिरते हुए मार्केट में पैसे बना सकते हैं पहले आप स्टॉक को सेल कर दीजिए बाद में उसे बाय कर लीजिए तो यह फीचर मिलता है कि गिरते हुए बाजार में भी आप पैसे कमा सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग करके ।
5. शेयर मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है
अब बारी आती है फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस की जो कि आपने बहुत सुना होगा एफएओ के नाम से अब उसका पहला पहलू होता है फ्यूचर्स फ्यूचर में ट्रेड करना यानी फ्यूचर्स में किसी भी कंपनी के शेयर को तो आपको नहीं खरीदना होता है या बेचना होता है लेकिन आपको एक वायदा करना होता है कांट्रैक्ट करना होता है कि हम इसे फ्यूचर में बाय कर लेंगे ठीक है एक पर्टिकुलर डेट को आज जो रेट चल रहा है उसी रेट में फ्यूचर में हम बाय करेंगे वो एक कांट्रैक्ट होता है वायदा होता है उसे कहते हैं फ्यूचर अब यह फ्यूचर किसी भी स्टॉक का हो सकता है
किसी भी इंडेक्स का हो सकता है आप किसी भी स्टॉक का मान लीजिए reliance का आप एक लॉट खरीदना चाहते है यानि एक गुच्छा तो वो आपको एक साथ ख ना होगा इसमें भी आपको लिवरेज मिलता है यानी आप जितना पैसा है आपके पास उससे पांच गुना ज्यादा तीन गुना ज्यादा आप स्टॉक आप खरीद सकते हैं| ठीक है तो ये चीजें मतलब वायदा कर सकते हैं इनफैक्ट खरीद नहीं सकते हैं वायदा कर सकते हैं कि हम खरीद लेंगे अब क्या होता है इसका भी आप शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं यानी गिरते हुए बाजार में भी, गिरते हुए बाजार में भी आप पैसे कमा सकते हैं अगर आपको पता है कोई स्टॉक या इंडेक्स गिरेगा तो इसमें भी आप पैसे जो है बना सकते हैं गिरते हुए बाजार में |
दोस्तों तो फ्यूचर होता क्या है थोड़ा समझ लीजिए बेसिकली आपको आज स्टॉक खरीदना नहीं होता उसमें एक वायदा करना होता कांट्रैक्ट करना होता फ्यूचर का चाहे वो नेक्स्ट मंथ का हो या उसके अगले महीने का फिर तीसरे महीने का यह सभी कांट्रैक्ट जो है हर महीने के लास्ट थर्सडे को एक्सपायर होते हैं उस दिन आपको सेल या बाय करना होता है जो भी रेट चल रहा होगा तो मान लीजिए आज एक पर्टिकुलर कंपनी है उसका शेयर का दाम ₹100 है और आपको लगता है कि तीन महीने बाद उस शेयर का दाम ₹150 हो जाएगा तो आप वायदा करते हैं एक कांट्रैक्ट साइन करते हैं फ्यूचर में बाय करते हैं कि हम इस पर्टिकुलर कंपनी का एक लॉट ले रहे हैं और ये आपको आज ₹100 है तो 3 महीने बाद जो आप कांट्रैक्ट कर 3 महीने के बाद फ्यूचर का वो भी ₹100 में ही आप खरीदेंगे चाहे उस दिन उस पर्टिकुलर शेयर का रेट चाहे वो ₹200 हो जाए चाहे 300 हो जाए चाहे वो ₹100 हो जाए या या 50 हो जाए तो आपको बाय करना ही करना होगा उस दिन पक्का करना होगा ठीक है तो अगर मान लीजिए होता आज ₹100 है और ती महीने बाद उसका ₹150 तो आपको फायदा हो जाएगा अच्छा खासा फायदा हो जाएगा लेकिन वो क्या मान लीजिए अगर वो घट के ₹100 से ₹50 हो जाता तब तब भी आपको बाय करना होगा उस केस में आपको लॉस होगा तो ये चीज होता है फ्यूचर |
एक उदाहरण से समझते इसको मान लीजिए आपको एक बाइक खरीदनी है आपकी शोरूम में जाते हैं और उसका रेड कलर का वेरिएंट आपको बहुत पसंद दूसरा नहीं चाहिए और वो स्टॉक में कहीं भी अवेलेबल नहीं है दुकानदार कहता है शोरूम वाला कहता है कि सर स्टॉक में कहीं है ही नहीं कंपनी का ये जो वेरिएंट है वो दो-तीन महीने बाद आएंगी और आपको पता है कि तीन महीने बाद इसकी प्राइस जो है बढ़ने वाली है तो आप दुकान वाले से कहते हैं शोरूम वाले से कहते हैं कि भाई एक काम करो आज इसकी 1 लाख कीमत है मैं मेरा आज ही बुक कर दो और मैं डिलीवरी ले लूंगा उस दिन यानी तीन महीने बाद वही कलर का तो मान लीजिए वो न महीने बाद उसकी कीमत जो है अगर मान लिया अभी आप पैसे नहीं देते तीन महीने बाद बाय करें तो आपको तो 1.5 लाख देना होता अगर बढ़ जाता तो लेकिन आज आपने पैसे दे दिए तो आप उसी प्राइस में उठा लेंगे उस दिन तो ये होता है फ्यूचर लेकिन मान लीजिए दूसरा केस कि अगर वो प्राइस घट गया कहीं और आज आपने पैसे दे दिए कि मैं इसी प्राइस में बाय करूंगा ठीक है तो आपको फिर भी उसी प्राइस पर बाय करना होता है क्योंकि आपने वादा किया था कि चाहे जो भी प्राइस होगा तीन महीने बाद हम इसे बाय आज के ही प्राइस पर करेंगे तो अगर उसका दाम घट जाता है 50000 हो तो आपको उसके इसमें घाटा हो जाता है और उसे आप इग्नोर नहीं कर सकते ये कांट्रैक्ट है तो आपको एग्जीक्यूट करना होगा थर्सडे लास्ट जो महीने का एक्सपायरी होगा उस दिन |
6. ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग आज के समय का सबसे पॉपुलर ट्रेडिंग है जो कि आज के डेट में युवा खास करके बहुत दिलचस्पी दिखाते हैं रीजन होता है इसमें कि आप बहुत जल्दी पैसा कमा सकते कम अमाउंट से भी तो दो चीजें होती है इसमें एक होता है ऑप्शन बाइंग और दूसरा होता है ऑप्शन सेलिंग |
ऑप्शन बाइंग में आपके लॉसेस लिमिटेड होते हैं लेकिन प्रॉफिट अनलिमिटेड होता है लेकिन ऑप्शन सेलिंग आप करते हैं अगर तो आपके प्रॉफिट लिमिटेड हो लॉसेस अनलिमिटेड होते हैं ठीक है तो क्या होगा ये चीजें आप विस्तार से आगे के पोस्ट में जानेंगे लेकिन एक उदाहरण के तौर प आपको बता दूं कि होता क्या है जैसे कि इस केस में आपने जो वादा किया था फ्यूचर्स में कि अगर दाम घटे या बढ़े आपको बाय ही करना है उस दिन में यहां पर एक ऑप्शन दे दिया जाता है आपको कि ना आप चाहे तो अगर आपको घाटा हो रहा है तो आप मत बाय (Buy) कीजिए आप छोड़ दीजिए| लेकिन उसकी जगह पर क्या है कि आपको एक ऑप्शन दिया गया है कि आपको एक पर्टिकुलर प्रीमियम एडवांस टोकन अमाउंट वो आपको जमा करना होता है|
अब वही वाला उदाहरण से ऑप्शन ट्रेडिंग को समझते जिसे मैंने फ्यूचर को समझाया मान लीजिए आपको बाइक खरीदनी आप शोरूम में जाते हैं और दुकानदार से कहते हैं आपको पता है कि आज इसकी कीमत इस बाइक की एक लाख रुपये है लेकिन अगले दो या तीन महीने बाद इसकी प्राइस डेढ़ लाख हो जाएगी लेकिन आपको ये डर भी है उस वक्त कि हो सकता है घट के 50000 रूपये भी हो जाए तो आप वो रिस्क नहीं लेना चाहते हैं घट जाए तो हमको फिर खरीदना पड़े एक लाख रुपये में तो घाटा हो जाएगा तो यहां पर आपको दुकानदार एक ऑप्शन देता है बोलता है कि सुनिए काम कीजिए आप इतना चिंता मत कीजिए आप हमको एक टोकन अमाउंट पे कर दीजिए एक प्रीमियम अकाउट अमाउंट पे कर दीजिए जो कि10000 रूपये मान लीजिए उदाहरण के तौर पे आप 10000 रुपये मुझे दे दीजिए और अगर प्राइस जब आप लेने आते हैं 3 महीने बाद उसकी बढ़ जाती है तो आप इसी प्राइस पे जो मैं बोल रहा हूं 1 लाख में ही आप ले लीजिएगा | बाकी का अमाउंट देखें लेकिन अगर घट जाती है मान लीजिए उस प्राइस की उस बाइक की प्राइस अगर मान लीजिए 50000 रुपये होती है तो आप खरीदिए मत बस यह 10000 रुपये जो आप टोकन प्रीमियम अमाउंट हमें दे रहे हैं वो हम रिफंड नहीं करेंगे यानी आपके लॉसेस यहां पे लिमिटेड है लेकिन अगर वो बढ़ जाता उसका प्राइस तो आपका प्रॉफिट तो अनलिमिटेड होता ना तो ये चीज है ऑप्शन ट्रेडिंग |
तो दोस्तों यही कुल पांच इंपॉर्टेंट चीज है जो मेन चीज है जिसमें शेयर मार्केट में लोग मैक्सिमम लोग पैसे Earn करते है इसके अलावा और कई भी चीजें हैं कम्युनिटीज वगैरह है जिसमें कि लोग ट्रेड करते हैं और पैसे कमाते हैं बहुत सी चीजें हैं लेकिन मेन यही है तो अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं अपने शेयर मार्केट जर्नी की तो एक डीमेट अकाउंट खोल लीजिए |
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